Tuesday 28 November 2017

Sanam Ab Muskurao Tum


हमें खोकर हमीं को याद करना भूल जाओ तुम 
मिली है तुमको आजादी सनम अब मुस्कुराओ तुम 

बहुत चुभती थी मेरी फिक्र मेरी बेतुकी बातें 
नहीं अब रोकनेवाला जश्न इसका मनाओ तुम 

तुम्हें हम दे नहीं पाये मुहब्बत के सिवा कुछ भी  
रईसों की  है अब महफ़िल उन्हें भी आजमाओ तुम 

मिटी है बंदिशें तेरी मिटे है तेरे सारे गम
किसी बेगाने की खातिर करो न आँख अपनी नम 

कोई पागल दीवाना था समझ कर भूल जाओ तुम 
किसी अनजान  की खातिर न दिल अपना जलाओ तुम

मेरा क्या है मै जी लूँगा तेरे बिन ज़िंदगी अपनी
तेरी अनमोल है खुशियाँ उन्हें यूँ न लुटाओ तुम 
                          
                                     - नीतू ठाकुर  

IN ENGLISH

Hame kho Kar Hami Ko Yad Karna Bhool Jao Tum
Mili Hai Tumko Azadi Sanam Ab Muskurao Tum

Bahut Chubhti Thi Meri Fikre Meri Betuki Baten 
Nahi Ab RokneWala Jashan Iska Mano Tum

Tumhe Ham De Nahi Paye Mohabbat Ke Siwa Kuchbhi
Raison Ki Hai Ab Mahefil Unhe Bhi Ajmao Tum

Miti Hai Bandishe Teri Mite Hai Tere Sare Gam
Kisi Begane Ki Khatir Karo Na Ankh Apni Nam

Koi Pagal Diwana Tha Samaz Kar Bhool Jao Tum
Kisi anjan Ki Khatir Na Dil Apna Jalao Tum

Mera Kya Hai Mai Jee Lunga Tere Bin Zindgi Apni
Teri Anmol Hai Khushiyan Unhe Youn Na Mitao Tum

                                 - Nitu Thakur 


24 comments:

  1. दिल को छू गई.... हर पंक्ति का हर शब्द मन की गहराइयों तक बस गया

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  2. बहुत खूब
    सुंदर रचना

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  3. दिल को छूती बहुत सुंदर रचना।

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  4. नीतू जी!
    बहुत ही दर्द समेटे है लफ्ज़ लफ्ज़ ये गजल
    ज्यों सुलग रहा कोई शोला धीरे धीरे शामो सहर।
    बहुत उम्दा गजल।
    शुभ संध्या ।

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  5. दर्द भरे तंज से मन की वेदना निर्झर सी निसृत हो बह रही है अंतिम पंक्तियाँ तो जानलेवा है | प्रिय नीतू - इस भावपूर्ण रचना पर आपको बधाई |

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  6. बहुत ही हृदयस्पर्शी.....
    वाह!!!!

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  7. दर्दभरी रचना। हरेक पंक्ति में तंज है। Relevant.

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  8. प्रेम खुबसूरत है.,पर दर्द भी हजार देता हैं... बहुत सुंदर पर ह्रदय को रुलाती रचना.. ।

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  9. बहुत बहुत आभार

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  10. बहुत अच्छी कविता।
    मन की गहराइयों से उपजी एक कोमल रचना।

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  11. वाह वाह 👏 बहुत खूबसूरत रचना

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  12. बहुत सुन्दर

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  13. निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' २१ मई २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/



    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

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  14. आवश्यक सूचना :

    सभी गणमान्य पाठकों एवं रचनाकारों को सूचित करते हुए हमें अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि अक्षय गौरव ई -पत्रिका जनवरी -मार्च अंक का प्रकाशन हो चुका है। कृपया पत्रिका को डाउनलोड करने हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जायें और अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँचाने हेतु लिंक शेयर करें ! सादर https://www.akshayagaurav.in/2019/05/january-march-2019.html

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