मुझको तन्हा ज़माने ने कर तो दिया
याद फिर भी तुम्हारी भुला ना सके
दिल के तुकडे ज़माने ने लाखों किये
नाम फिर भी तुम्हारा मिटा ना सके
रात भर रौशनी कर रहीं बिजलियाँ
मेरे दिल का अँधेरा हटा ना सके
बेवफा कैसे हो जाये चाहत मेरी
जो जफ़ाएं जहाँ से छुपा ना सके
मेरे अश्कों से जलता रहा मेरा दिल
बूँद बारिश की जिसको बुझा ना सके
इस क़दर मिट गए हैं निशाँ प्यार के
राख भी प्यार की हम दिखा ना सके
- नीतू ठाकुर
IN ENGLISH
Muzko tanha jamane ne kar to dia,
Yad fir bhi tumhari bhula na sake,
Dil ke tukde zamane ne lakho kiye,
Nam fir bhi tumhara mita na sake,
Rat bhar roshni kar rahi bijliyan,
Mere dil ka andhera hata na sake,
Bewafa kaise ho jaye chahat meri,
Jo japhaye jahan se chupa na sake,
Mere ashkon se jalta raha mera dil,
Bund barish ki jisko buza na sake,
Is kadar mit gaye hai nisha pyar ke,
Rakh bhi pyar ki hum dikha na sake
- Nitu Thakur
- Nitu Thakur
तन्हाइयां ही ताउम्र साथ देती हैं....
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteवाह्ह...बहुत ख़ूब...लाज़वाब👌👌
ReplyDeleteनीतू हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ लिखी है आपने..
मेरे अश्कों से जलता रहा मेरा दिल
बूँद बारिश की जिसको बुझा ना सके
इस क़दर मिट गए हैं निशाँ प्यार के
राख भी प्यार की हम दिखा ना सके
बहुत अच्छी लगी👌
प्रिय श्वेता जी बहुत बहुत आभार। पेपर लिखने के बाद परीक्षा फल के इंतजार जैसे आलम में आप की प्रतिक्रिया पास होने की मुहर लगा गई।
Deleteप्रिय नीतू यादों से त्रस्त आक्रांत मन के स्वर बहुत ही मर्मस्पर्शी हैं | बहुत अच्छा लिखा आपने -- हमेशा की तरह --- सस्नेह --
ReplyDeleteरचनाकार सिर्फ लिखता है,अच्छे या बुरे का फैसला पढ़नेवाला ही कर सकता है।आप ने इस रचना को पसंद किया आप का बहुत बहुत आभार।
Deleteलाजवाब रचना नीतू जी
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