तेरी आँखों से आँसू बहे ,मेरा दामन भिगाते रहे,
नींद आई न तुमको मगर ,दिल हमारा जलाते रहे,
चूड़ियों को सजा क्यों मिली, टूटकर जो बिखरना पड़ा,
मेरा काजल जो बहता रहा, तुम मुझे आजमाते रहे,
कितना नादान था मेरा दिल, असलियत से जो वाकिफ़ न था,
ज़ख्म देकर मेरे दिल को तुम, खुद ही मरहम लगाते रहे,
नासमझ नासमझ नासमझ, तेरे हर फैन से वाकिफ हूँ मै,
अपना हर दर्द देकर मुझे, दिल में तुम मुस्कुराते रहे,
मैंने माना खतावार हूँ, दिल लगाया जो तुमसे कभी ,
तुम तो करते रहे दिल्लगी, और हम दिल लुटाते रहे,
- नीतू ठाकुर
IN ENGLISH
Teri ankhon se ansu bahe, Mera daman bhigate rahe,
Nind aai na tumko magar, Dil hamara jalate rahe,
Chudion ko saja kyon mili, Tutkar jo bikharna pada,
Mera kajal jo baheta raha, Tum muze ajmate rahe,
Kitna nadan tha mera dil, Asliyat se jo wakif na tha,
Zakhm deke mere dil ko tum, khud hi marham lagate rahe
Nasamaz Nasamaz Nasamaz , Tere har fan se wakif hun mai,
Apna har dard dekar muze, Dil me tum muskurate rahe,
Maine mana khatawar hun, Dil lagaya jo tumse kabhi,
Tum to karte rahe dillagi,Aur hum dil lutate rahe,
- Nitu Thakur
Maine mana khatawar hun, Dil lagaya jo tumse kabhi,
Tum to karte rahe dillagi,Aur hum dil lutate rahe,
- Nitu Thakur
Nice post.
ReplyDeleteNice thoughts.
Nice thoughts.
ReplyDeleteNice post.
Nice poem.
thanks
Deleteक्या बात कटघरे मे खडा कर दिया है आपने
ReplyDeleteपर चुप है मुल्जिम आपका।
उम्दा दिलकश रचना।
शुभ दिवस ।
बहुत सुंदर प्रतिक्रिया सखी
Deleteबहुत बहुत आभार
पर क्या करूँ एक तो बोलती नहीं
और बोलना शुरू किया तो रूकती नहीं
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरूवार 25 जनवरी 2018 को प्रकाशनार्थ 923 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
वाह्ह्ह...बहुत सुंदर रचना प्रिय नीतू👌
ReplyDeleteमैंने माना खतावार हूँ, दिल लगाया जो तुमसे कभी ,
तुम तो करते रहे दिल्लगी, और हम दिल लुटाते रहे
लाज़वाब पंक्तियाँ और हृदयस्पर्शी भाव।
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति नीतू जी.
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteबहुत सुन्दर ...हृदयस्पर्शी....
ReplyDeleteवाह!!!
बहुत ही जानलेवा रचना है प्रिय नीतू जी --- खासकर पहली लीनर तो बहुत ही प्रभावी है |
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
DeleteSuch a wonderfuil line, publish your book with best
ReplyDeleteOnline Hindi Book Publisher in India
बहुत बहुत आभार
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