Monday 26 June 2017

Kitne Arman Se Teri Dulhan Bani



Kitne arman se teri dulhan bani,
Dil me chahat ki kitni hi kaliyan khili,
Jaise kismat ke tare khafa ho gaye,
Gul ke khilne se pahle juda ho gaye,

Sach kaho kya tumhe yad aati nahi,
Gam judai ka tumko satati nahi,
Teri chahat hun mai teri bandi nahi,
Kar de khushian ada gam ki andhi nahi,

Chudi kangan bhi ab dil ko bhate nahi,
Ab ye jewar bhi dil ko lubhate nahi,
Tere bin suna ye mera singar hai,
Ansuon se bhara mera sansar hai,

Chahe jitni bhi daoulat kamalo magar,
Tere daoulat se bhari mera pyar hai,
Tere bin zindgi hai adhoori meri ,
Tu nahi to ye daoulat bhi bekar hai,

Teri baton se dil ab bahalta nahi,
Ek lamha bhi hans ke gujarta nahi,
Kab talak yad karti rahun mai tuze,
Pas ab to bulalo sanam tum maze,

-Nitu Thakur

हिंदी में 

कितने अरमान से तेरी दुल्हन बनी
दिल में चाहत की कितनी ही कलियाँ खिली 
जैसे किस्मत के तारे खफा हो गये 
गुल के खिलने से पहले जुदा हो गए 

सच कहो क्या तुम्हे याद आती नहीं 
गम जुदाई का तुमको सताती नहीं 
तेरी चाहत हूँ मै तेरी बांदी नहीं 
कर दे खुशियाँ अदा गम की आँधी नहीं 

चूड़ी कंगन भी अब दिल को भाते नहीं 
अब ये जेवर भी दिल को लुभाते नहीं 
तेरे बिन सूना ये मेरा सिंगर है 
आँसुओं से भरा मेरा संसार है 

चाहे जितनी भी दौलत कमालो मगर   
तेरे दौलत से भारी मेरा प्यार है 
तेरे बिन ज़िंदगी है अधूरी मेरी 
तू नहीं तो ये दौलत भी बेकार है 

तेरी बातों से दिल अब बहलता नहीं 
एक लम्हा भी हँस के गुजरता नहीं 
कब तलक याद करती रहूँ मै तुझे 
पास अब तो बुलालो सनम तुम मुझे 

- नीतू ठाकुर 




16 comments:

  1. गजब विरह व्यथा
    शब्द शब्द हाहाकार।

    दसो दिशाओं का हाहाकार मन मे बसा
    सागर की उत्तंग लहरों सा ज्वार
    उठ उठ फिर विलीन होता गया
    अश्रू चूकने को है पर
    संतप्त हृदय का कोई आलम्बन नही
    वाह री वेदना बस अब
    चोटी पर जा बैठी हो।
    अतुलनीय।
    शुभ दिवस।



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  2. बहुत सुन्दर....,

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  3. नारी मन की समूची वेदना घोल डाली अपनी रचना में | प्रिय नीतू बहुत ही सराहनीय है आपकी अनुराग भरी रचना | सस्नेह शुभकामना |

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  4. दिल में उतर गई आपकी रचना नीतू जी

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  5. इतनी व्यथा कि कलम खुद भीग गई होगी, पन्ने खुद ही व्यथित हो गए होंगे भीगकर....
    सुंदर रचना हेतु बधाई नीतू जी।

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    1. बहुत बहुत आभार आप की सुन्दर प्रतिक्रिया का।

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  6. वाह... बहुत ख़ूब आदरणीया नीतू जी, शब्द नहीं भावों को ही उतार दिया है आपने इस कृति में।
    .
    चाहे जितनी भी दौलत कमा लो मगर... वाह कमाल की पंक्ति👌👌👌👏👏👏

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    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आप की सुन्दर प्रतिक्रिया का।

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  7. वाह!! नीतू जी ,नारी विरह वेदना का मार्मिक चित्रण किया है आपने .....बहुत सुंदर ।

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