मेरी हर शाम तेरा इंतजार करती है
तू न आये तो दिल को बेकरार करती है
दिल में चुभता है कोई ज़हर बुझा नश्तर सा
मेरी चाहत पर तू जब भी सवाल करती है
तोड़ते रहते हो हर रोज जो जज्बात मेरे
कौन देखेगा मेरे बाद इतने नाज़ तेरे
मै भी इंसान हूँ एक रोज बदल जाऊँगा
आज कल बस में नहीं रहते ख़यालात मेरे
आईना जब भी टूटता है शोर करता है
मेरा दिल टूटकर हर रोज ही बिखरता है
दिल की आवाज दिल में दफ़न सी हो जाती है
वो तो तन्हाइयों में ही मुझे रुलाती है
- नीतू ठाकुर
IN ENGLISH
Meri har sham tera intjar karti hai
Tu na aaye to dil ko bekrar karti hai
Dil me chubhta hai koi zaher buza nashtar sa
Meri chahat par tu jab bhi sawal karti hai...
Todte rahte ho har roj jo jazbat mere
Todte rahte ho har roj jo jazbat mere
Kaoun dekhega mere bad itne naj tere
Mai bhi insan hun ek roj badal jaounga
Aaj kal bas me nahi rahte khayalat mere...
वाह शानदार नीतू जी।
ReplyDeleteमेरा दिल टूटकर हर रिज ही बिखरता है।
बहुत खूब।
शुक्रिया !!!
Deleteलेखन सार्थक हुआ
आपकी प्रतिक्रिया मन को भा गई
वाह खुबसूरत पंक्तियां.. बहुत अच्छा लिखा आपने।
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteशुक्रिया
ReplyDeleteबहुत सुदर लयात्मक रचना...👌👌
ReplyDeleteबहुत सुंदर मनभावन रचना.
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